World Sleep Day के दिन जाने की कैसे सोने के तरीके हमारे नींद पर डालते हैं प्रभाव

world sleep day: विश्व नींद दिवस हर साल नींद के महत्व को उजागर करने और नींद से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। विश्व नींद समिति द्वारा आयोजित वैश्विक कार्यक्रम शोधकर्ताओं स्वास्थ्य सेवा पेसे वरुण और आम जनता को नींद के स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देने के लिए जोड़ता है। 2025 में विश्व नींद दिवस शुक्रवार 14 मार्च को मनाया जा रहा है। जिसका विषय है नींद के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना। तो चलिए थोड़ा विस्तार से जानते हैं कि कैसे हमारे सोने के तरीके हमारे नींद पर बहुत ही गहरा प्रभाव डालते हैं।
क्या है नींद का महत्व?
वैज्ञानिक शोध लगातार यह दर्शाते हैं की अच्छी नींद समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है अच्छी नींद मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का समर्थन करती है, लचीलापन बढ़ती है और पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करती है। अक्सर हमने देखा है कि जब भी कोई बीमार होता है तो उसे यही सलाह दी जाती है कि एक अच्छी नींद उसकी बीमारी को काफी हद तक ठीक कर देंगे। दूसरी ओर खराब नींद संज्ञानात्मक कार्य, भावनात्मक स्थिरता और शारीरिक प्रदर्शन को नकारात्मक रूप से भी प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ ही सोने के तरीके भी समग्र स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। अलग-अलग नींद की स्थितियों के अलग-अलग लाभ और नुकसान होते हैं प्रत्येक के प्रभाव को समझने से नींद की गुणवत्ता में सुधार और सुविधा को कम करने में मदद मिल सकती है।
गलत तरीके से सोने पर होते है कई नुकसान
अक्सर लोग करवट बदल बदल कर सोते हैं इससे कंधे में तकलीफ और चेहरे पर झुर्रियां पड़ने की संकेत होती हैं, इसलिए ज्यादा करवटें बदलकर नहीं सोना चाहिए। कुछ लोगों की आदत होती है कि वह पीठ के बल सोते हैं यह खर्राटे और स्लिप एंपरिया को बदतर बनाता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द भी हो सकता है इसके साथ ही गर्भावस्था के बाद के चरणों में इसकी सलाह नहीं दी जाती। कुछ लोगों की आदत होती है कि वह पेट के बाल ही सो जाते हैं आपको बता दे कि पेट के बल सोने से गर्दन और रेड की हड्डी पर तनाव बहुत अधिक पड़ता है पीठ दर्द हो सकता है और उसके साथ ही चेहरे की झुर्रियां भी बढ़ जाती हैं।